Monday 29 October 2018

ସହିଦ୍ ବ୍ରଜମୋହନଙ୍କ ପାର୍ଥିବ ଶରୀର ଗାଁରେ ପହଞ୍ôଚିଲା


ସହିଦ୍ ବ୍ରଜମୋହନଙ୍କ ପାର୍ଥିବ ଶରୀର ଗାଁରେ ପହଞ୍ôଚିଲା
ସହିଦ୍ ବ୍ରଜମୋହନଙ୍କ ପାର୍ଥିବ ଶରୀର ଗାଁରେ ପହଞ୍ôଚିଲା ପୋଲିସ ଇନଫର୍ମର ସନ୍ଦେହରେ ହତ୍ୟା ଘଟଣା, ୫ ମାଓବାଦୀ ଗିରଫ ମାଲକାନାଗିରି, ୨୮/୧୦  ଜିଲ୍ଲାର ମାଥିଲି ଥାନା ସାଲିମି ପଚାଂୟତ ଅନ୍ତର୍ଗତ ବାରଗୁଡା ଗ୍ରାମର ଅନନ୍ତରାମ ଭୂମିଆ (୪୦)ଙ୍କୁ ଗତ ୨୩ ତାରିଖ ରାତିରେ ପୋଲିସ ଇନଫର୍ମର ସନ୍ଦେହରେ ହତ୍ୟା ଘଟଣାରେ ଆଜି ଜିଲ୍ଲା ପୋଲିସ ୫ ଜଣ ମାଓବାଦୀଙ୍କୁ ଛତିଶଗଡ଼ ସୀମାନ୍ତ ତୁଳସୀ ପାହାଡ଼ରୁ ଗିରଫ କରିଛି  । ତଦନ୍ତରେ ବାଧା ଉପୁଜିବା ଆଶଙ୍କାରେ ପୋଲିସ ଗିରଫ ମାଓବାଦୀମାନଙ୍କ ନାମ ଗୋପନ ରଖିଛି  । ଗତ ୨୩ ତାରିଖ ରାତିରେ ଅନନ୍ତ ଗାଁ ପାଖ ଅନ୍ୟ ଏକ ଗ୍ରାମ ଧାକଡ଼ରାଶିକୁ ନାଟକ ଦେଖିବାକୁ ଯାଉଥିବା ବେଳେ ବାଟରେ ଲୁଚି ରହିଥିବା ୩୦ ରୁ ଉଦ୍ଧ୍ୱର୍ ମାଓବାଦୀ ତାଙ୍କୁ ନିସ୍ତୁକ ମାଡ ମାରିବା ସହ ଟାଙ୍ଗିଆରେ ହାଣି ହତ୍ୟା କରିଥିବା ଅଭିଯୋଗ ହୋଇଥିଲା  । ବିଳମ୍ବିତ ରାତିରେ ପରିବାର ଲୋକେ ଓ ଗ୍ରାମବାସୀ ଘଟଣାସ୍ଥଳରେ ପହଂଚି ତାଙ୍କୁ ଉଦ୍ଧାର କରି ମାଥିଲି ଗୋଷ୍ଠୀ ସ୍ୱାସ୍ଥ୍ୟକେନ୍ଦ୍ରରେ ଭର୍ତ୍ତି କରିଥିଲେ  । କିନ୍ତୁ ସେଠାରେ ଡାକ୍ତର ତାଙ୍କୁ ମୃତ ଘୋଷଣା କରିଥିଲେ  । ମାଥିଲି ଥାନା ପୋଲିସ ଏ ସଂକ୍ରାନ୍ତରେ ୧୦୯/୧୮ ରେ ଏକ ମାମଲା ରୁଜୁ କରି ତଦନ୍ତ ଆରମ୍ଭ କରିଥିଲା  । ଜିଲ୍ଲା ପୋଲିସର ଏକ ଟିମ୍ ପେଟ୍ରୋଲିଂ ବେଳେ ଏମାନଙ୍କୁ ଗିରଫ କରିବାରେ ସଫଳ ହୋଇଥିଲେ  । ଅଭିଯୁକ୍ତମାନଙ୍କ ନିକଟରୁ ହତ୍ୟାକାଣ୍ଡରେ ବ୍ୟବହୃତ ଦୁଇଟି ରକ୍ତଲଗା ଟାଙ୍ଗିଆ ଜବତ କରାଯାଇଛି  ।

Monday 1 October 2018

ଆତଙ୍କୀଙ୍କ ଗ୍ରେନେଡ୍‍ ମାଡ଼ରେ ପୁଲିସ ଶହୀଦ


ଶ୍ରୀନଗର, ୩୦/୯ : ଆତଙ୍କବାଦୀଙ୍କ ଗ୍ରେନେଡ୍‍ ମାଡ଼ରେ ଜଣେ ପୁଲିସ କର୍ମଚାରୀ ଶହୀଦ ହୋଇଛନ୍ତି  । ପୁଲିସ ସୂଚନାନୁଯାୟୀ, ଦକ୍ଷିଣ କାଶ୍ମୀରର ସୋଫିଆନ ଜିଲ୍ଲାରେ ଆଜି ସକାଳେ ଆତଙ୍କବାଦୀମାନେ ଏକ ପୁଲିସ ଷ୍ଟେସନ ଉପରକୁ ଗ୍ରେନେଡ ମାଡ଼ କରିଥିଲେ  । ପରେ ସେମାନେ ଆଖିବୁଜା ଫାୟାରିଂ କରିଥିଲେ  । ଏଥିରେ କାର୍ଯ୍ୟରତ ଜଣେ ପୁଲିସ କର୍ମଚାରୀ ଗୁରୁତର ଆହତ ହୋଇଥିଲେ  । ତାଙ୍କୁ ନିକଟସ୍ଥ ଡାକ୍ତରଖାନାକୁ ନିଆଯାଇଥିଲା  । ସେଠାରେ ଡାକ୍ତର ତାଙ୍କୁ ମୃତ ଘୋଷଣା କରିଥିଲେ  । ଘଟଣା ପରେ ଆତଙ୍କବାଦୀମାନେ ନିକଟସ୍ଥ ଜଙ୍ଗଲକୁ ଚାଲିଯାଇଥିବା ସୂଚନା ମିଳିଛି  । ଉକ୍ତ ଅଞ୍ଚଳକୁ ସୁରକ୍ଷାକର୍ମୀମାନେ ଚାରିପଟୁ ଘେରି ତଲାସୀ ଅଭିଯାନ କରିଛନ୍ତି  ।

Thursday 9 August 2018

हुतात्मा मेजर कौस्तुभ राणे को मुंबई ने यूं किया नमन, सडक पर बिछाई गई फूलों की सेज


जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड में हुतात्मा मेजर कौस्तुभ पी. राणे का पार्थिव शरीर आज (९ अगस्त) को महाराष्ट्र में उनके घर पहुंचा। इस दौरान परिवार के सदस्यों और दोस्तों सहित हजारों की भीड उपस्थित थी। राणे मंगलवार को बांदीपोरा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास आतंकवादियों के साथ मुठभेड में हुतात्मा हुए चार जवानों में शामिल थे। एक अधिकारी ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर मीरा रोड स्थित उनके घर गुरुवार को पहुंचा। राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे ताबूत में उनके पार्थिव शरीर को बुधवार शाम मुंबई में परिवार के सदस्यों, सेना और अन्य अधिकारियों की उपस्थितगी में सौंपा गया।
गुरुवार सुबह फूलों से पटे ताबूत को सेना के ट्रक से उनके घर लाया गया, जहां पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मेजर कौस्तुभ के सम्मान में मीरा रोड के लोगों ने पूरे सडक को ही फूलों से पाट दिया था। सडक पर कई मीटर तक पीले फूल मेजर कौस्तुभ के सम्मान में डाले गये थे। जब उनका पार्थिव शरीर इस सडक से गुजर रहा था तो देशभक्ति गानों और लोगों की आंखों से बहते आंसुओं ने माहौल गमगीन बना दिया।
इस दौरान कई लोग ‘मेजर कौस्तुभ राणे अमर रहें’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे। इस दौरान कई लोगों ने तिरंगा लहराया और कई महिलाएं रो रही थीं। मंगलवार से राणे के गृहनगर में शोक का माहौल है। राणे के परिवार में उनके माता-पिता प्रकाश और ज्योति राणे, बहन कश्यपी, पत्नी कनिका और ढाई साल का बेटा अगस्तय है। अपने माता-पिता के इकलौते बेटे राणे ने पुणे से सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर सेना में शामिल होने का अपना बचपन के सपना पूरा किया था और बाद में उन्हें २०११ में चेन्नई की वीआईपी अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था।
बता दें कि ७ अगस्त को आतंकवादियों ने घात लगाकर सेना के गश्ती दल पर हमला किया था। इस दौरान मेजर कौस्तुभ अपने साथियों हवलदार जेमी सिंह, हवलदार विक्रमजीत और राइफलमैन मनदीप के साथ पेट्रोलिंग पर थे। सेना ने भी इस हमले में चार आतंकियों को मार गिराया था। रिपोर्ट के अनुसार ८ आतंकियों के समूह ने घुसपैठ की कोशिश की थी। सेना ने जब आतंकवादियों को जवाब देना शुरू किया तो बाकी बचे चार आतंकी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की ओर भाग गये।
स्त्राेत : जनसत्ता

Sunday 5 August 2018

हुतात्मा औरंगजेब का बदला लेने नौकरी छोडकर सेना में भर्ती हो रहे हैं उनके दोस्त


एक आेर जहां कश्मीर में बडी संख्या में युवा देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो कर सुरक्षाबलों पर हमले करते हैं वहीं पुंछ के गांव सलानी में हालात बिल्कुल अलग हैं ! सलानी को लोग फौजियों के गांव तौर पर जानते हैं। यहां से बडी संख्या में नौजवान सऊदी अरब में काम धंधा करते हैं। परंतु अब इस गांव के लोगों ने जम्मू कश्मीर के हुतात्मा जवान औरंगजेब के दोस्तों ने उनकी शहादत का बदला लेने की कसम खाई है !
हुतात्मा औरंगजेब के ५० से ज्यादा दोस्त सऊदी अरब से अपनी मोटी तनख्वाहवाली नौकरियां छोडकर वापस लौटे हैं ! इन सबका बस एक उद्देश है सेना या पुलिस में भर्ती होकर अपने दोस्त की शहादत का बदला लेना ! सऊदी अरब से नौकरी छोडना आसान नहीं था, नौकरी छोडने में तमाम मुश्किलें भी आई परंतु औरंगजेब की मौत की खबर मिलते ही इन्होंने नौकरी छोडकर बदला लेने का निर्णय लिया था और अब वहीं करने के लिए वापस पहुंच चुके हैं !
सऊदी अरब से काम धंधा छोडकर आनेवाले इन युवाआें में मोहम्मद ताज, नजाकत हुसैन, मोहम्मद शबीर, करामत हुसैन, मोहम्मद आजाद और मोहम्मद इकबाल शामिल हैं। इन लोगों ने कहा, ”जब से हमने सुना है कि कश्मीर में ओरंगजेब को आतंकियों ने अगुवा कर उसे मार दिया है तो उस दिन से हमारा खून खोलने लगा था कि कब हम हिन्दूस्तान अपने घर लोटें और उस बहादुर साथी का बदला ले। इसके लिए ही हमने वहां ६० से ७० हजार रुपये महीने की नौकरी को छोड दी !”
सऊदी अरब में गाडी चलाने का काम करनेवाले नजाकत हुसैन और मोहम्मद ताज का कहना है, ”हम वहां सऊदी अरब में रात को आराम की नींद सोते रहे और यहां दरिंदों ने हमारे दोस्त हमारे भाई हमसे छीन लिया तो हमें लगा कि यहां पैसा कमाकर क्या कर लेंगे जब हमारे अपने लोग जम्मू कश्मीर में सुरक्षित नहीं हैं बस यही सोच कर हमने आपस में सलाह मशविरा किया और हम बदला लेने लौट आए हैं !”
घर पर पहुंच रहे इन युवाओं को देख कर ओरंगजेब के पिता रिटार्ड सैनिक मोहम्मद हनीफ का सीना चोडा हो रहा है। उन्होंने कहा, ”मुझे मेरे गांव के इन युवाआें पर नाज है जो ओरंगजेब की शहादत का बदला लेने के लिए अपना काम धंधा छोडकर गांव लोट आए हैं !”
आपको बता दें कि ४ जून को आतंकवादियों ने कश्मीर के पुलवामा में औरंगजेब की हत्या कर दी थी।
स्त्रोत : न्यूज 18

Tuesday 31 July 2018

जम्मू कश्मीर : छुट्टी पर आए सैनिक को आतंकियों ने घर में घुसकर मारी गोली


आैर कितने सैनिकों को गंवाने के बाद सरकार आतंकियों के विरोध में सक्त कदम उठाएगी ?

नसीर अहमद राठेर
श्रीनगर : एक आेर जहां पढें लिखे कश्मीरी युवा आंतकवाद की हाथ थाम रहे है वही दुसरी आेर आतंकी भारतीय सेना के सैनिकों की चुनचुनके हत्या कर रही है । दक्षिणी कश्मीर में आतंकियों ने घर में घुसकर एक सीआरपीएफ कर्मी की हत्या कर दी । सैनिक का नाम नसीर अहमद राठेर था । नसीर अहमद सीआरपीएफ की १३४वीं बटैलियन में थे और वह छुट्टी पर चल रहे थे । गोली लगने के कारण से घायल नसीर को पुलवामा स्थित जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया । बता दें कि जम्मू-कश्मीर में लगातार आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड होती रहती है ।
कश्मीर के मौजूदा हालातों पर सत्ता पक्ष के नेता कहते हैं कि परिस्थितियों पर काबू पा लिया गया है परंतु सैनिकों का इस तरह हुतात्मा होना देश के हर नागरिक को दुखी करता है । बता दें कि, पिछले कुछ दिनों में कश्‍मीर में यह चौथे सुरक्षाकर्मी की हत्‍या है । आतंकी अब कश्‍मीर के रहने वाले सुरक्षाकर्मियों को निशाना बना रहे हैं । ईद से पहले आतंकियों ने सेना के राइफलमैन औरंगजेब की अपहरण के बाद हत्‍या कर दी थी ।
इसके बाद शोपियां में छुट्टी पर आए हुए पुलिसकर्मी जाविद अहमद डार की उनके घर के पास से अपहरण के हत्‍या कर दी गई । पिछले सप्‍ताह कुलगाम में एसपीओ से पुलिसकर्मी बने सलीम शाह की भी अपहरण के बाद हत्‍या कर दी गई थी । शुक्रवार को भी एक एसपीओ सैनिक को अगवा कर लिया गया था हालांकि परिवार की अपील के उसे छोड दिया गया था ।
स्त्रोत : वन इंडिया

Thursday 8 March 2018

क्सलियों से मुठभेड़ में बीएसएफ के सहायक कमांडेंट और कॉन्सटेबल शहीद


 रायपुर  Thu, 08 Mar 2018
BSF Assistant Commandant and One jawan martyred in encounter with naxals in Kanker
प्रतीकात्मक तस्वीर
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बुधवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में बीएसएफ के सहायक कमांडेंट समेत दो जवान शहीद हो गए। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शहीद असिस्टेंट कमांडेंट गजेंद्र सिंह हरियाणा के मूल निवासी थे।
शहीद कॉन्स्टेबल अमरेश कुमार बिहार के रहने वाले थे। दोनों बीएसएफ की 134वीं बटालियन में तैनात थे।

बस्तर रेंज के आईजी (पुलिस) विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि यह मुठभेड़ रावगाट थाने के किलेनार गांव के जंगल में शाम करीब चार बजे हुई। मुठभेड़ तब हुई जब बीएसएफ की 134वीं बटालियन और जिला बल की संयुक्त टीम के जवान नक्सल विरोधी अभियान पर थे। 

उत्तर बस्तर रेंज पुलिस के डीआईजी रतन लाल डांगी ने बताया कि संयुक्त टीम ने मंगलवार को रायपुर से 250 किलोमीटर दूर रावघाट के भीतरी इलाके में नक्सलियों के खिलाफ इस ऑपरेशन को लांच किया था। 

उन्होंने बताया कि जब पेट्रोलिंग टीम किलेनार के जंगल में 10 किलोमीटर भीतर थी तभी नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट के साथ अंधाधुंध फायरिंग की। संयुक्त टीम की जवाबी कार्रवाई में नक्सली भाग खड़े हुए। 

घटनास्थल पर तलाशी अभियान चलाने के लिए अतिरिक्त बल रवाना किए गए। शहीद सहायक कमांडेंट और जवान के शव लाए जा रहे हैं।
स्त्रोत :https://www.amarujala.com/chhattisgarh/bsf-assistant-commandant-and-one-jawan-martyred-in-encounter-with-naxals-in-kanker?src=story-most-read

Friday 2 March 2018

जहां सरकार नहीं पहुंचती वहां हम देते हैं शिक्षा-स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं; सैनिक भी भरते हैं टैक्‍स

FRIDAY, MARCH 2, 2018


सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि, देश में जहां सरकार नहीं पहुंच पाती, वहां सेना शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराती है । उन्होंने आगे बताया कि सैनिक भी देश में टैक्स चुकाते हैं, जो कि राज्यकोष में जाता है । रावत ने ये बातें एक कार्यक्रम के दौरान कहीं । गुरुवार (१ मार्च) को वह ‘राष्ट्र निर्माण में सशस्त्र बलों को सहयोग’ विषय पर एक कार्यक्रम में थे ।
सेना प्रमुख रावत ने इस दौरान उन्होने कहा, “देश के सबसे दूरवर्ती क्षेत्रों में सशस्त्र बल शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं लोगों तक पहुंचाते हैं । खासकर उन स्थानों पर, जहां सरकार नहीं पहुंच पाती है । ऐसे में उन जगहों पर भारी संख्या में लोग सशस्त्र बलों पर निर्भर रहते हैं !” सेना प्रमुख के अनुसार, “जहां हमारे सैनिक तैनात किए जाते हैं, वहां उनकी जरूरत के लिए कई सामान खरीदे जाते हैं । सैनिक जरूरत के हिसाब से उस सामान को स्थानीय लोगों में उनकी मदद के लिए बांटते हैं । हम जिन मुद्दों पर लोगों की मदद करते हैं उन्हें ध्यान में रख सकते हैं, मगर हम ऐसा नहीं करते !”
रावत ने कहा, “हम सभी वर्दीवाले टैक्स चुकाते हैं, क्योंकि हमारे मामले में कर पहले ही कट जाता है, लिहाजा जब हम अपनी तनख्वाह निकालते हैं तब हम अपने कर को चुका चुके होते हैं, जो बाद राजकोष में जाता है !”
स्त्रोत : जनसत्ता

Wednesday 28 February 2018

फौजी वर्दी में और गोद में ५ दिन की बेटी लिए, शहीद पति को यूं अंतिम विदाई देने पहुंचीं मेजर पत्नी

फौजी वर्दी में और गोद में ५ दिन की बेटी लिए, शहीद पति को यूं अंतिम विदाई देने पहुंचीं मेजर पत्नी

इंडियन एयरफोर्स में विंग कमांडर रहे पति दुष्यंत वत्स के शहीद होने के बाद उनकी मेजर पत्नी कुमुद डोगरा जिस अंदाज में अंतिम विदाई देने पहुंची, उनकी सोशल मीडिया पर खूब सराहना हो रही है। फौजी वर्दी पहनकर और गोद में पांच साल की बेटी को लिए हुए उन्होंने पति को अंतिम विदाई दी। इस पर उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहीं है। लोग कह रहे है कि एक फौजी को किस तरह आखिरी विदाई मिलनी चाहिए, यह उनकी पत्नी ने बखूबी दिखाया। यह भी बताया कि असहनीय दुख के मौके पर भी किस कदर सेना के परिवार के लोग धीरज नहीं खोते।
१५ फरवरी को असम के मजोली में हेलिकॉप्टर क्रैश हो जाने से विंग कमांडर डी वत्स शहीद हो गए थे। विंग कमांडर वत्स पांच दिन की बच्ची के पिता थे। घटना के दिन बेटी महज चार दिन की थी। पति की शहादत की खबर कुमुद के लिए दुखों का पहाड टूटने जैसी रही। मगर उन्होंने धैर्य का परिचय दिया। पति की अंतिम यात्रा में पूरी फौजी लिबास में और पांच दिन की बेटी को गोद में लेकर पहुंची। यह देखकर लोग दंग रह गए।
सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को अब तक हजारों लोग शेयर कर चुके हैं। लोगों ने मेजर कुमुद के साहस की सराहना की, वहीं लोग बच्ची के प्यार भरे संदेश दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर में मेजर कुमुद गोद में बच्ची लेकर आगे बढती हुई दिख रहीं हैं। उनके साथ परिवार के लोग और सेना के अधिकारी हैं। साथ ही गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिए जवान दिख रहे हैं।
बता दें कि तकनीकी खराबी के चलते इंडियन एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर की आपातकालीन लैंडिंग करने की पायलटों ने कोशिश की थी। किंतु कोशिश नाकाम रही थी। इस बीच हेलिकॉप्टर में आग लगने के कारण वह क्रैश हो गया। ब्रह्मपुत्र के पास हेलिकॉप्टर के कुछ मलबे बरामद हुए थे।
स्त्रोत : जनसत्ता