एक आेर जहां कश्मीर में बडी संख्या में युवा देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो कर सुरक्षाबलों पर हमले करते हैं वहीं पुंछ के गांव सलानी में हालात बिल्कुल अलग हैं ! सलानी को लोग फौजियों के गांव तौर पर जानते हैं। यहां से बडी संख्या में नौजवान सऊदी अरब में काम धंधा करते हैं। परंतु अब इस गांव के लोगों ने जम्मू कश्मीर के हुतात्मा जवान औरंगजेब के दोस्तों ने उनकी शहादत का बदला लेने की कसम खाई है !
हुतात्मा औरंगजेब के ५० से ज्यादा दोस्त सऊदी अरब से अपनी मोटी तनख्वाहवाली नौकरियां छोडकर वापस लौटे हैं ! इन सबका बस एक उद्देश है सेना या पुलिस में भर्ती होकर अपने दोस्त की शहादत का बदला लेना ! सऊदी अरब से नौकरी छोडना आसान नहीं था, नौकरी छोडने में तमाम मुश्किलें भी आई परंतु औरंगजेब की मौत की खबर मिलते ही इन्होंने नौकरी छोडकर बदला लेने का निर्णय लिया था और अब वहीं करने के लिए वापस पहुंच चुके हैं !
सऊदी अरब से काम धंधा छोडकर आनेवाले इन युवाआें में मोहम्मद ताज, नजाकत हुसैन, मोहम्मद शबीर, करामत हुसैन, मोहम्मद आजाद और मोहम्मद इकबाल शामिल हैं। इन लोगों ने कहा, ”जब से हमने सुना है कि कश्मीर में ओरंगजेब को आतंकियों ने अगुवा कर उसे मार दिया है तो उस दिन से हमारा खून खोलने लगा था कि कब हम हिन्दूस्तान अपने घर लोटें और उस बहादुर साथी का बदला ले। इसके लिए ही हमने वहां ६० से ७० हजार रुपये महीने की नौकरी को छोड दी !”
सऊदी अरब में गाडी चलाने का काम करनेवाले नजाकत हुसैन और मोहम्मद ताज का कहना है, ”हम वहां सऊदी अरब में रात को आराम की नींद सोते रहे और यहां दरिंदों ने हमारे दोस्त हमारे भाई हमसे छीन लिया तो हमें लगा कि यहां पैसा कमाकर क्या कर लेंगे जब हमारे अपने लोग जम्मू कश्मीर में सुरक्षित नहीं हैं बस यही सोच कर हमने आपस में सलाह मशविरा किया और हम बदला लेने लौट आए हैं !”
घर पर पहुंच रहे इन युवाओं को देख कर ओरंगजेब के पिता रिटार्ड सैनिक मोहम्मद हनीफ का सीना चोडा हो रहा है। उन्होंने कहा, ”मुझे मेरे गांव के इन युवाआें पर नाज है जो ओरंगजेब की शहादत का बदला लेने के लिए अपना काम धंधा छोडकर गांव लोट आए हैं !”
आपको बता दें कि ४ जून को आतंकवादियों ने कश्मीर के पुलवामा में औरंगजेब की हत्या कर दी थी।
स्त्रोत : न्यूज 18
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