Thursday 8 March 2018

क्सलियों से मुठभेड़ में बीएसएफ के सहायक कमांडेंट और कॉन्सटेबल शहीद


 रायपुर  Thu, 08 Mar 2018
BSF Assistant Commandant and One jawan martyred in encounter with naxals in Kanker
प्रतीकात्मक तस्वीर
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बुधवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में बीएसएफ के सहायक कमांडेंट समेत दो जवान शहीद हो गए। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शहीद असिस्टेंट कमांडेंट गजेंद्र सिंह हरियाणा के मूल निवासी थे।
शहीद कॉन्स्टेबल अमरेश कुमार बिहार के रहने वाले थे। दोनों बीएसएफ की 134वीं बटालियन में तैनात थे।

बस्तर रेंज के आईजी (पुलिस) विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि यह मुठभेड़ रावगाट थाने के किलेनार गांव के जंगल में शाम करीब चार बजे हुई। मुठभेड़ तब हुई जब बीएसएफ की 134वीं बटालियन और जिला बल की संयुक्त टीम के जवान नक्सल विरोधी अभियान पर थे। 

उत्तर बस्तर रेंज पुलिस के डीआईजी रतन लाल डांगी ने बताया कि संयुक्त टीम ने मंगलवार को रायपुर से 250 किलोमीटर दूर रावघाट के भीतरी इलाके में नक्सलियों के खिलाफ इस ऑपरेशन को लांच किया था। 

उन्होंने बताया कि जब पेट्रोलिंग टीम किलेनार के जंगल में 10 किलोमीटर भीतर थी तभी नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट के साथ अंधाधुंध फायरिंग की। संयुक्त टीम की जवाबी कार्रवाई में नक्सली भाग खड़े हुए। 

घटनास्थल पर तलाशी अभियान चलाने के लिए अतिरिक्त बल रवाना किए गए। शहीद सहायक कमांडेंट और जवान के शव लाए जा रहे हैं।
स्त्रोत :https://www.amarujala.com/chhattisgarh/bsf-assistant-commandant-and-one-jawan-martyred-in-encounter-with-naxals-in-kanker?src=story-most-read

Friday 2 March 2018

जहां सरकार नहीं पहुंचती वहां हम देते हैं शिक्षा-स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं; सैनिक भी भरते हैं टैक्‍स

FRIDAY, MARCH 2, 2018


सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि, देश में जहां सरकार नहीं पहुंच पाती, वहां सेना शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराती है । उन्होंने आगे बताया कि सैनिक भी देश में टैक्स चुकाते हैं, जो कि राज्यकोष में जाता है । रावत ने ये बातें एक कार्यक्रम के दौरान कहीं । गुरुवार (१ मार्च) को वह ‘राष्ट्र निर्माण में सशस्त्र बलों को सहयोग’ विषय पर एक कार्यक्रम में थे ।
सेना प्रमुख रावत ने इस दौरान उन्होने कहा, “देश के सबसे दूरवर्ती क्षेत्रों में सशस्त्र बल शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं लोगों तक पहुंचाते हैं । खासकर उन स्थानों पर, जहां सरकार नहीं पहुंच पाती है । ऐसे में उन जगहों पर भारी संख्या में लोग सशस्त्र बलों पर निर्भर रहते हैं !” सेना प्रमुख के अनुसार, “जहां हमारे सैनिक तैनात किए जाते हैं, वहां उनकी जरूरत के लिए कई सामान खरीदे जाते हैं । सैनिक जरूरत के हिसाब से उस सामान को स्थानीय लोगों में उनकी मदद के लिए बांटते हैं । हम जिन मुद्दों पर लोगों की मदद करते हैं उन्हें ध्यान में रख सकते हैं, मगर हम ऐसा नहीं करते !”
रावत ने कहा, “हम सभी वर्दीवाले टैक्स चुकाते हैं, क्योंकि हमारे मामले में कर पहले ही कट जाता है, लिहाजा जब हम अपनी तनख्वाह निकालते हैं तब हम अपने कर को चुका चुके होते हैं, जो बाद राजकोष में जाता है !”
स्त्रोत : जनसत्ता